इसलिए अगर आप ग़लत नहीं हैं तो बर्दाश्त करने की ज़रूरत नहीं है। इसलिए अगर आप ग़लत नहीं हैं तो बर्दाश्त करने की ज़रूरत नहीं है।
इक महिला पर अत्याचार होने पर परिवार वालों का रवैया कुछ और ही होता है बदनामी के डर से घर इक महिला पर अत्याचार होने पर परिवार वालों का रवैया कुछ और ही होता है बदनामी के ड...
लेखक : धीराविट पी. नात्थागार्न ; अनुवाद : आ. चारुमति रामदास लेखक : धीराविट पी. नात्थागार्न ; अनुवाद : आ. चारुमति रामदास
अगले दिन सबने जॉब से छुटी ली और रिलेक्स किया। अगले दिन सबने जॉब से छुटी ली और रिलेक्स किया।
दोपहर का समय था ,हमारे यहां एक अजनबी आया और उसने कहा कि वह हमारी चाचा की बेटी का देवर ह दोपहर का समय था ,हमारे यहां एक अजनबी आया और उसने कहा कि वह हमारी चाचा की बेटी का...
एक प्यारी तितली बन जाऊ फूल फूल पर में तो यूँ मंडराऊंसुंदर सी में सब को ही ललचाऊँ अपने भाग्य पर में त... एक प्यारी तितली बन जाऊ फूल फूल पर में तो यूँ मंडराऊंसुंदर सी में सब को ही ललचाऊँ...